Landslides are a concern in hilly areas. In the recent disaster, Himachal Pradesh was hit by landslides, due to which many people here had to bear the brunt. Actually, landslides happen only once at some place. But due to the vibration and structure of the earth, some areas become hypersensitive. Of these, the Kotrupi one is close to a similar structure which is called Main Boundary Thrust (MBT) in geology. Due to these reasons, this place became the cause of a catastrophic landslide in 2017 and the death of 46 people. Due to which this area continues to show its form even after the horrific incident of 2017. It is clearly visible in the satellite image how the area before the landslide is expanding. Thus, to detect the new unstable region, Nitesh and Ankit, research students from Disaster Extreme and Environment Remote Sensing Laboratory (Dexter) and IIT Mandi, conducted a drone test of this area (October 2023). The results obtained during the testing phase revealed that the coated areas are still structurally unstable, and the tension cracks seen above indicate instability. Therefore, a thorough survey of the areas near the MBT is important so that a catastrophic incident like Kotrupi can be prevented.
Hindi
भूस्खलन पहाडी क्षेत्रों में एक चिंता का विषय हैं। हाल की आपदा में हिमाचल प्रदेश को भूस्खलन से दो चार होना पड़ा, जिसका खामियाजा यहाँ के लोगों को उठाना पड़ा । यूँ तो भूस्खलन एक बार ही किसी जगह पर होती है। परतु धरती के कम्पन एवं रचना के चलते कुछ क्षेत्र अतिसंवेदनशील हो जाते हैं। इन्ही मे से कोटरूपी भी ऐसी ही संरचना के नजदीक है जिसे मूविज्ञान में मुख्य सीमा जोर(MBT)कहते है, इन्हीं कारणों के चलते यह स्थान 2017 में भयावह मुस्खलन का कारण तथा 46 लोगों की मौत का कारण बना | जिसके चलते यह इलाका 2017 की भयावह घटना के बाद भी अपना रूप दिखाता रहता है। उपग्रह छवि में यह साफ दिखता है कि कैसे पूर्व मुस्खलन का इलाका बढ़ रहा है। अतः नये अस्थिर भाग का पता लगाने, आपदा चरम और पर्यायवरण सुदूर संवेदन प्रयोगशाला (Dexter) आई आई टी मंडी स्थित शोध छात्र नितेश एंव अंकित ने इस क्षेत्र का ड्रोन परिक्षण किया (अक्टूबर 2023) | परिक्षण के दौर दौरान प्राप्त परिणामों से यह पता चला कि कोटरूपी क्षेत्र अब भी संरचनीय रूप से अस्थिर हैं , तथा ऊपर दिखती तनाव दरारें अस्थिरता की ओर इशारा करती है।
अतः MBT के निकटवर्ती इलाकों का गहन सर्वेक्षण महत्वपूर्ण है जिससे कोटरूपी जैसी भयावह घटना को रोका जा सके ।
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